9 औषधियों के पेड़ पौधे जिन्हें नवदुर्गा कहा गया है

9 औषधियों के पेड़ पौधे जिन्हें नवदुर्गा कहा गया है –
प्रथम शैलपुत्री (हरड़) :कई प्रकार के रोगों में काम आने वाली औषधि हरड़ हिमावती है जो देवी शैलपुत्री का रूप है.यह आयुर्वेद की प्रधान औषधि है।
यह पथया, हरीतिका,अमृता, हेमवती,कायस्थ,चेतकी और श्रेयसी सात प्रकार की होती है।

द्वितीय: ब्रह्मचारिणी (ब्राह्मी)- यह आयु व याददाश्त बढ़ाकर, रक्तविकारों को दूर कर स्वर को मधुर बनाती है.इसलिए इसे सरस्वती भी कहा जाता है।

तृतीय:चंद्रघंटा (चंदुसूर) – यह एक ऎसा पौधा है जो धनिए के समान होता है यह औषधि मोटापा दूर करने में लाभप्रद है इसलिए इसे चर्महंती भी कहते हैं।

चतुर्थ :कूष्मांडा (कुम्हड़ा))- इस औषधि से पेठा (मिठाई) बनता है,यह रक्त विकार दूर कर पेट को साफ करने में सहायक है।मानसिक रोगों में यह अमृत समान है।

पंचम: स्कंदमाता (अलसी)- यह औषधि वात,पित्त व कफ रोगों की नाशक औषधि है और फाइबर अधिक होने के साथ यह रक्त शोधक भी है।

षष्ठं : कात्यायनी (मोइया) :यह औषधि कफ, पित्त व गले के रोगों का नाश करती है।

सप्तम :कालरात्रि (नागदौन)यह देवी नागदौन औषधि के रूप में भी जानी जाती है यह मन एवं मस्तिष्क के विकारों को दूर करने वाली और सभी प्रकार के रोगों में लाभकारी है.यह पाइल्स के लिये भी रामबाण औषधि है ।

अष्टम् : महागौरी (तुलसी) : तुलसी 7 प्रकार की होती है सफेद ,काली ,मरूता,दवना,कुढेरक,अर्जक और षटपत्र ये रक्त को साफ कर ह्वदय रोगों का नाश करती है

(9) नवम् :सिद्धिदात्री (शतावरी) :यह औषधि बल, बुद्धि एवं विवेक के लिए उपयोगी है.विशेषकर प्रसूताओं के लिए यह रामबाण औषधि है ।

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