भचक्र (360°) को 12 बराबर भागो में विभाजित किया गया जिन्हें राशि नाम दिया गया, एक राशि का माप (30°)
हर राशि मे सवा दो नक्षत्र होते हैं (एक नक्षत्र 13°20′)
हर नक्षत्र के चार चरण होते हैं (एक चरण 3°20′)
इस प्रकार 27 नक्षत्रों के 4 चरण से (27×4)=108 चरण हुए
जो आध्यात्मिक क्षेत्र के व्यक्ति,ध्यान, आराधना में माला प्रयुक्त होती है उसके 108 की संख्या होने के पीछे का कारण यही है
12 राशियों को 9 ग्रहो से गुना करने पर जो संख्या प्राप्त होती है वो भी 108 है
