लाल किताब में काल पुरुष की कुंडली से प्रिडिक्शन किया जाता है

लाल किताब में काल पुरुष की कुंडली से प्रिडिक्शन किया जाता है वैसे ये कुंडली ज्योतिष शास्त्र का आधार भी है 1 से 12 तक भाव कोई भी गिन सकता है लेकिन नए जिज्ञासुओं को कई बार भाव के स्वामी याद नहीं हो पाते

इन भावों के स्वामियों को याद रखना बहुत ही आसान है
आप सिर्फ ये याद रखिए कि चंद्र खाना नंबर 4 माता/रानी का है और सूर्य खाना नंबर 5 पिता/राजा का है

ये अपनी बेटी (बुध) को बहुत प्यार करते हैं राजा कहता है मेरी बेटी मेरे पास रहेगी और रानी कहती है मेरे पास रहेगी इसलिए बेटी दोनों के पास रहती है इसलिय खाना नंबर 3 और 6 को बुध का स्वामित्व प्राप्त है अब बेटी की शादी के लिए दोनो परेशान हैं तो बेटी की शादी पास वाले घर में कर दी बेटी का पति यानि शुक्र खाना नंबर 2 और 7 का स्वामी है अब राजा रानी का दामाद यानि कि बेटी के पति को सुरक्षा प्रदान करने वाला सेनापति (मगंल) चाहिए जो कि शुक्र के दोनों घरों के पास खाना नंबर 1 और 8 का स्वामित्व लिए हुए है

सेनापति को ट्रैंड भी करना है जिसके लिए द्रोणाचार्य जैसे गुरू की आवश्यकता है इसलिए गुरु को सेनापति मगंल के पास वाले घर दिए गए हैं जो कि खाना नंबर 9 और 12 हैं अब गुरू को भी अपने अधीन काम करने वाला नौकर चाहिए जो कि शनि देव हैं जी गुरू घर के दाएं बाएं के घर में रहते हैं जो कि खाना नंबर 10 और 11 हैं

इस प्रकार काल पुरुष की कुंडली आसानी से याद हो जायेगी

राधे राधे 🌹🙏🌹

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