लग्नेश जिस भाव में बैठेगा उस भाव से संबंधित व्यक्ति से जातक की प्रीति होगी यानी संबंध अच्छे होंगे
🕉️ जैसे लग्न का स्वामी लग्न में बैठा है तो व्यक्ति अपने आपको ज्यादा विशेष महत्व देगा
🕉️ लग्न का स्वामी दूसरे भाव में बैठा है तो जातक अपने कुटुंब को बहुत ज्यादा महत्व देगा
🕉️ लग्नेश तृतीय भाव में बैठा है तो जातक छोटे भाई बहन को महत्व देगा
🕉️ लग्नेश चौथे भाव में बैठा है तो जातक अपनी माता को महत्व देगा
🕉️ लग्नेश का संबंध पंचम भाव से है तो जातक अपनी प्रथम संतान को महत्व देगा
🕉️ लग्नेश का संबंध छठे भाव से है तो जातक अपने अधीनस्थ कर्मचारियों या मामा को महत्व देगा
🕉️ लग्नेश सप्तम भाव में स्थित है तो जातक अपनी पत्नी या पार्टनर को महत्व देगा
🕉️ लग्नेश का संबंध अष्टम भाव से है तो जातक अपने अंतर्मन की सुनेगा
🕉️ लग्नेश अगर नवम भाव में बैठा है तो जातक अपने पिता को महत्व देगा
🕉️ लग्नेश का संबंध दसवें भाव से या लग्नेश दशम भाव में बैठा है काम करने वाले साथ के सहयोगी और अपने कर्म को महत्व देगा
🕉️ लग्नेश ग्यारहवें भाव में बैठा है लग्नेश तो जातक मित्रों एवं बडे भाई को महत्व देगा
🕉️ लग्नेश 12वीं भाव से लग्न का संबंध है या कहे लग्नेश 12 वे भाव में बैठा है तो जातक अपने आत्मा और अंतर्मन को महत्व देगा।