अच्छा ये मंगल ग्रह के 1,4,7,8,12 भाव में स्थित होने से ही जातक को मांगलिक मान लेना बहुत बड़ी भूल है। कुंडली में कुल बारह ही तो घर हैं, तो इस हिसाब से हर 12 में से पाँच जातक मांगलिक ही हो जाएँगे 🤔
ज्योतिष के अन्य योग या दुर्योग की ही तरह मांगलिक योग का भी अन्य ग्रहों की स्थिति से समाधान हो रहा होता है। जैसे कि मंगल पहले भाव में हो और शनि सातवें, तो ये मांगलिक योग निष्फल हो जायेगा, क्यूँकि दोनो ग्रह अपनी स्व या उच्च स्थिति में बैठे हैं, पहले भाव में मंगल की स्वराशि आती है तो वहीं शनि को भी सातवें भाव में दिग्बल प्राप्त है।और दोनों ही ग्रह बराबर के ही बलशाली भी हैं। इसी तरह कई अन्य स्थितियाँ भी होती हैं जिनमे जातक मांगलिक नहीं होता। उनकी चर्चा फिर कभी।
सो पाठकों को यही सलाह है कि मांगलिक कुंडली के लिए सर्वदा मांगलिक जातक का ही चयन अंतिम विकल्प नहीं होता। किसी योग्य ज्योतिषी से दोनो जातकों की कुंडली दिखा कर परामर्श करना चाहिये
