मंत्र जप की जैसे ही बात आती है सभी के मन में पहला विचार आता है कि मंत्र जाप कैसे काम करता है ?इसका फल हमें मिलेगा या नहीं? मंत्र काम करता है या नहीं करता है?
मननेन त्रायते इति मन्त्रः । अर्थात जो मनन करने पर त्राण दें वह मंत्र है ।
मंत्र शब्द में ‘मन’ का अर्थ है मन और मनन, और त्र का अर्थ तात्पर्य शक्ति और रक्षा से है ।
वस्तुतः मंत्र इंफ्रासोनिक स्तर की सूक्ष्म ध्वनियां द्वारा प्रभावित होकर एक प्रकार का विद्युत चुंबकीय तरंगे उत्पन्न करती है। जो समूचे शरीर में फैल कर अपना कार्य करती है।
इसी सिद्धांत के आधार पर आज अल्ट्रासाउंड मशीन Ultrasound machine काम करता है ।टीवी (T.V) रेडियो (Radio) मोबाइल( Mobile)भी इसी सिद्धांत पर काम करता है ।
आप सभी जानते होंगे जानवर और पक्षी को आंधी, तूफान और भूकंप आदि की जानकारी पहले पता चल जाता है ।इनको भी इसी सिद्धांत से जानकारी मिलती है।
मंत्रों से निकलने वाली स्थूल तरंगों के अलावा उनके साथ इच्छाशक्ति ,संकल्प की तरंगे भी मिली रहती है जो रोमकेसो के जरिए हमारे अंदर जाकर हमें प्रभावित करती है।
योग पद्धति में मंत्र के उच्चारण से उत्पन्न ध्वनि को शब्द शक्ति, मन की शक्ति विद्युत प्रदान करती है ।जबकि मनुष्य की इच्छाशक्ति उस पर नियंत्रण कर के कोई भी कार्य करवाने में सक्षम होती है ।
मानव शरीर में सिर से पैर तक 49 अक्षर होते हैं यह सभी शरीर के सात (7)चक्रो के साथ संयोजित है ।मंत्र इन शब्दों द्वारा इन्हीं चक्रों पर काम करता है ।
हम सभी लोग एक कहानी जानते होंगे एक जगह पेड़ सुखाने के लिए लोग पेड़ के पास जाकर गाली (निगेटिव एनर्जी) देते थे और वह पेड़ सूख गया । इस को साबित करने के लिए IKEA (फर्नीचर बनाने वाली एक कंपनी) ने एक स्कूल में 2 पौधे लगाए । बच्चों से कहा गया कि एक पेड़ के पास जाकर सकारात्मक बातें शब्द कहे और दूसरे के पास जाकर नकारात्मक शब्द कहे ।बच्चों को अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए भी कहे गए ।एक (1)महीने बाद रिजल्ट चौंकाने वाला था। जिस पौधे को प्यार भरे शब्द कहे गए थे वे फलता- फूलता रहा ।वहीं जिस पौधे को भला बुरा कहा गया था वह मुरझाने लगा। दोनों पैधो को समान देखभाल किया गया था। इससे यह सिद्ध हुआ कि नेगेटिव (Negative) और पॉजिटिव ( Positive) एनर्जी का प्रभाव पड़ता है।
मंत्र 2 प्रकार के होते हैं जड़ और चैतन्य। जो मंत्र किताब से लिया /पढ़ा जाता है वह मंत्र जड़ होते हैं ।और जपने पर भी अपना प्रभाव नहीं (कम) देते हैं ।जो मंत्र गुरु द्वारा प्रदान किया जाता है वह चैतन्य होते हैं। और इनको जपने /प्रयोग करने पर पूर्ण प्रभाव देते हैं।
#मंत्र जप में शुद्ध उच्चारण, संकल्प और इच्छाशक्ति अति महत्वपूर्ण है इसके बिना इनकी प्रभाव कम /नहीं या उल्टा हो सकता है।
आप सभी नेगेटिव( Negative) एनर्जी से बचें और पॉजिटिव (Positive)एनर्जी ग्रहण करें। ।। हरि ॐ नमः शिवाय ।। ।। जय मां कामाख्या ।।
