मंगल दौष भंग : – यदि जन्म कुंडली के 1 , 4, 7, 8,12 भाव में मंगल हो तो वह व्यक्ति मांगलिक कहलाता है ।। मांगलिक को मांगलिक से ही शादी करनी होती है । लेकिन व्यक्ति को पता होना चाहिए कि सामने वाला व्यक्ति मांगलिक है या नही क्योंकि यह मुख्य बिंदु होते है जो मंगल दौष को कैंसल कर देते हैं तब आप मांगलिक नही कहलाएगे । ।
1 ) अगर मगंल देव मेष या वृश्चिक राशि में हो तो मंगल दौष कैंसल हो जाता है ओर यह रूचक नाम का पचंमहापुरूष योग भी वन जाता है ।
2 ) अगर कुंडली में मंगल की डिग्री 0,1 , 2 या 28 , 29,30 हो तो मंगल दौष कैंसल हो जाता है ।
3 ) अगर मंगल देव सूर्य के द्वारा अस्त हो जाएँ तो मंगल दौष कैंसल हो जाता है ।
4 ) अगर कुंडली में मंगल देव योग कारक हो तो मंगल दौष कैंसल हो जाता है ।
5 ) अगर सप्तमेश सवयं राशि में या सप्तमेश की दृष्टि हो या गुरु की दृष्टि हो या गुरु साथ हो तो मंगल दोष कैंसल हो जाता है ।
6 ) मंगल देव खुद के घर में वैठे हो तो मंगल दौष कैंसल हो जाता है ।
7 ) कुंडली में मंगल देव ऊच के हो मंगल दोष कैंसल हो जाता है । अगर गुण मिलान में 27 गुण से जयादा हो तो भी मंगल दौष कैंसल हो जाता है ।।