नौकरी में अस्थिरता कुछ नियमों पर आधारित है जैसे

  1. लग्न लग्नेश का बली न होना।
  2. दशम-दशमेश पीड़ित होना या निर्बली होना।

3.सप्तम भाव में चन्द्रमा या सप्तमेश चन्द्रमा का होना, बार बार जॉब में चेंज होना।

4.धन योगों की कमी होना।

5.केंद्र त्रिकोणों में शुभ ग्रहों की कमी होना।

6.कारक ग्रह शनि का निर्बली होना।

7.सही दशाओं का ना मिलना।

8.व्यवसायिक उन्नति के लिये राज योग होना आवश्यक है। छठा भाव का बली ना होना भी जॉब में अस्थिरता का कारण

  1. 2/6/10 भाव का सम्बंध जॉब के लिये होना जरुरी है। दशाओं में भी जब 2/6/10 वें भाव का सम्बन्ध बनता है तभी जॉब लगती है।
  2. दशमेश का अष्टम भाव में स्थित होना बार बार नौकरी बदलना, जब भी दशा अन्तर्दशा का सम्बंध होगा तभी
  3. सूर्य का दशमेश होकर अष्टम भाव में होना या अष्टमेश होकर अष्टम में होना जातक को दिखाता है। कार से परेशानी
  4. दशम व दशमेश पापकतरी योग में नहीं होना चाहिये वरना बार बार व्यवसाय में बदलाव आता है।
  5. 6,8,12 वें भावों की दशा में पंचम या पंचमेश का सम्बन्ध होगा तो व्यवसाय में रुकावटें आयेंगी।
  6. 3,5,8,12 वें भावों की दशा अन्तर्दशा में नौकरी में परिवर्तन या परेशानी आती ही है।
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