ग्रह आकाश में होने के बावजूद हमें कैसे प्रभावित कर सकते हैं?
हमारा ब्रह्मांड मुख्य रूप से अग्नि, पृथ्वी, वायु, जल और आकाश इन तत्त्वों से बना हुआ है। आकाश के सभी ग्रह भी इन्हीं पांच तत्वों से बने हैं। आखिर हम और सारे जानवर भी इन्हीं पांच तत्वों से बने हैं। न केवल आकाश के ग्रह बल्कि आकाश के नक्षत्र भी हमें प्रभावित करते हैं। ऐसा ही सभी प्राणिमात्र के साथ होता है। तो ग्रह और आप हमेशा (नींद में भी) जुड़े रहते हैं।
तो फिर प्रत्येक ग्रह अलग-अलग फल क्यों देता है? रवि-चंद्र से लेकर राहु-केतु तक सात ग्रहों में से प्रत्येक में, पांच तत्वों में से कोई एक तत्व ज्यादा प्रभावी होता है। उदाहरण के लिए, सूर्य – अग्नि तत्व (तेज) चंद्रमा – जल तत्व (पानी) मंगल – अग्नि तत्व बुध – पृथ्वी तत्व (भूमि) बृहस्पति – आकाश तत्व (अवकाश) शुक्र – जल तत्व शनि – वायु तत्व (वायु) राहु – जल, वायु केतु – आकाश, अग्नि चूँकि ग्रहों के ये सभी तत्व हमारे शरीर में भी मौजूद हैं, इसलिए ग्रह और हम एक दूसरे से जुड़े हुए हैं।
हमारे मोबाइल फोन का एक उदाहरण इस संबंध में एक अच्छा उदाहरण होगा। जिस प्रकार आपके मोबाइल और मोबाइल टावर का आपस में संबंध (connectivity) वैसा ही है जैसा आपके और ग्रहों के बीच का संबंध है।