सबसे पहले बात आती हैं दशा की तो जानकारी के लिए बता दू एक साथ 5 दशा चलती हैं मनुष्य पर अलग अलग ग्रह की ,।
पहली, माहा दशा
दूसरी ,अंतर्दशा
तीसरी प्रत्यंतर दशा
चौथी शुक्ष्मदशा
पांचवी प्राण दशा
माहा दशा लंबी चलती है
अंतर दशा भी दो साल लगभग होती अलग अलग ग्रह की कम ज्यादा हो जाति ह ।
बाकी दशा छोटी छोटी होती हैं।
अब बात आती है अष्टक वर्ग की।
जिससे पता चलता है दशा कैसी जायेगी अच्छी या बुरी ।
अष्टक वर्ग में ग्रह को किस राशि में कितने अंक मिले हैं, या किस भाव में कितने अंक मिले है ,
उसके बाद बात आती हैं उस भाव में किस किस ग्रह ने दशानाथ को अंक दिए हैं ।
हर ग्रह सबसे पहले शनि देव की कक्षा में प्रवेश करता है एक भाव में ग्रह 30 डिग्री तक रहता है फिर अगले भाव में प्रवेश कर जाते है ।
(1) ग्रह शनि देव की कक्षा में 0 से 3″45 डिग्री तक चलता है ।
( 2)गुरु 3″45 से 7″30 तक (3)मंगल7″30 से 11″15 (4)सूर्य11″15 से 15 (5)शुक्र_ 15,से 18″45
(6)बुध_18,45 से 22,30 (7)चंद्र22,30 से 26,,15 (8)लग्न_26,,15 से 30 डिग्री तक चलते हैं
अब जिस जिस ग्रह की कक्षा में दशा नाथ जायेगा, तब किस ग्रह ने उस भाव में अंक दिए दशा नाथ को , जिस ग्रह ने अंक दिए हैं तो समझिए उस राशि में बैठे दशा नाथ से वो ग्रह खुश हैं ।
जेसे दशा नाथ 0 से 3,,45 डिग्री तक मेष राशि में गोचर कर रहा है तब उसको शनि देव ने अंक दिए हैं तो दशा नाथ कोई हानी नहीं करेगा जब तक वह 3,,45 डिग्री तक रहेगा।
चाहे दशा नाथ कारक है या अकारक है ।
असे ही कर्मवाइज ग्रह आगे बढ़ता जायेगा ।
उस टाइम अगर हानी होती हैं तो महा दशा नाथ की वजह से हानी नहीं हुई हैं बाकी दशा नाथ को देखे किसको अंक नही मिल रहे हैं।
ओर किस भाव से संबंधित हानी हुई हैं।
जेसे दशा नाथ मेष राशि में गोचर कर रहा है
ओर दूसरा दशा नाथ धन भाव वृष राशि में गोचर कर रहा है और धन से संबंधित हानी हुई हैं तो महा दशा नाथ का कोई रोल नही है ।
अब बात आती हैं उपाय की।
उपाय तभी कीजिए जब उसको जिस ग्रह ने अंक नही दिए हैं ।
ग्रह जिसकी कक्षा में चल रहा है उसने अंक नही दिए उसी के उपाय करे ।
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जेसे मेष राशि में बुध ग्रह गोचर कर रहा है
ओर उसको चंद्र ने अंक नही दिए तो चंद्र और बुध से संबंधित उपाय करना होगा ।
अब बात आती है इतना ध्यान रखना हर किसके बस की बात नही होती है ।
ओर हर ज्योतिर्विद इतनी डिटेल में भी नही बताएगा ।
अब आप बोलेंगे फिर रास्ता क्या है ?
रास्ता है अच्छे कर्म करो हर रिश्ते की इज्जत करो
क्यों की इंसान के पास वही लोटकर आता है जो उसने बोया है उसके अलावा कुछ नही मिलता है ।
अगर आप किसी को गलत शब्द भी बोल रहे हैं तो आपको भी एक दिन वैसे ही शब्द कोई और बोलेगा ।
यकीन नही है तो नोट करना सुरु कर दो ।
अगर आप ईश्वर में अटूट विश्वास रखते हैं तो वही कड़वी बाते आपको बिना ब्याज के कुछ ही दिनों में वापिस मिल जायेंगी।
ओर आप ईश्वर में आस्था भी नही रखते तो वो आपके ब्याज लग कर वर्षो बाद मिलेंगी ।
जो लोग बोलते हैं की जितनी भगति करते हैं उतने ही ज्यादा कष्ट मिलते है ।
वो कष्ट इसलिए मिलते हैं ईश्वर चाहता है आपके ज्यादा ब्याज न लगे,
जेसे आप बैंक लॉन लेते है तो,
जितनी ज्यादा किस्त बनवाओ और कम समय में होंगी उतना जायदा भार होगा । लंबी बनाओगे तो भार तो आप पर ज्यादा नही होगा, लेकिन ब्याज बहुत भरोगे।
अब मर्जी आपकी ब्याज ज्यादा चुकाना है,
या मूल मूल चुकाना है ।
जय सिया राम
जय बजरंग बली की
जय सनातन धर्म की